vrish vastu chakra : वृष वास्तु चक्र से दूर होता है वास्तु दोष

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वास्तु दोष को दूर करनें में vrish vastu chakra का बड़ा महत्व होता है.वृष वास्तु चक्र के नियम का पालन कने से मनुष्य के जीवन से जुड़े बहुत समस्याओं का समाधान हो जाता है.वो गृह क्लेश हो या प्रेत बाधा,पुत्र पाप्ति बाधा हो या धन बाधा.

vrish vastu chakra क्या है ?

वृष वास्तु चक्र एक विशेष प्रकार का वास्तु चक्र है.यह चक्र का वास्तु शास्त्र में एक अलग प्रणाली है.यह मानव जीवन को सुख-शांति और समृद्धि की दिशा में शास्त्रीय तरीके से,समर्थन करने का लक्ष्य रखती है.vrish vastu chakra वास्तु शास्त्र की सबसे पुराणी प्रणाली है.

वृष वास्तु चक्र से गृहारंभ के मुहूर्त कैसे जानें ? 

vrish vastu chakra के अनुसार गृहारंभ के मुहूर्तों में से मास शुद्धि,ग्रह – बलादी देखकर.कल्पित वृष के अंगो पर अट्ठाईस नक्षत्रों को प्रत्यारोप करें.फिर सुर्याधिस्थित नक्षत्र से मुहूर्त के दिन तक यदि,गणना करने पर मुहूर्त वाला दिन दोषपूर्ण हो.तो उस स्थिति में मुहूर्त का दिन बदल लेना चाहिए.

vrish vastu chakra उदाहरण :- 

जैसे सूर्य के नक्षत्र से,प्रथम तिन नक्षत्रों तक गिनने पर मुहूर्त दिन परता हो.तो वृष vastu chakra के अनुसार गृह में अग्नि दाह का भय रहेगा.आगे 4,5,6 तथा 7वें नक्षत्र पर मु. नक्षत्र आवे तो शून्य यानि कोई भी शुभ फल प्राप्त नहीं होगा.

वृष वास्तु चक्र के द्वारा आगामी 8,9,10,11वे नक्षत्रों के मध्य हो तो,भाग्य में स्थिरता एवं शांति रहेगी.तथा चतुर्थ भाग उससे आगे के तिन नक्षत्रों के मध्य मुहूर्त आ जावे तो,लक्ष्मी प्राप्ति के योग होंगे.

 chakra का निष्कर्ष 

वृष वास्तु चक्र के अनुसार गृहारंभ के लिए,यह निर्णय है.कि गृहारंभ के लिए सूर्य के नक्षत्र से प्रथम सात नक्षत्र अशुभ होता है.और आठवे नक्षत्र से अठारहवे तक शुभ तथा शेष अंतिम के दस नक्षत्र,पुनः अशुभ होंगे.vrish vastu chakra को ध्यान में रख कर ही गृहारंभ करें.

 चक्र के अनुरूप ग्राह्य समय

ग्राह्य मास – वैशाख,जयेष्ट,अषाढ़,माघ तथा फाल्गुन.

 तिथि :- शुक्ल पक्ष की 2,3,5,7,10,11,12,13.

 वार :- सोम,बुध,गुरु,शुक्र.

 नक्षत्र :- आश्वि.,रोहि.,मृग.,पुन.,पुष्य,उतरा-3,हस्त,चित्रा,स्वाति,अनु.,मूल,श्रव.,धनि.,शत.,रेवती.

लग्न शुद्धि :-  2,4,7,9,10,11,12 आदि राशि लग्न तथा शुभ ग्रहों के नवांश.तथा केंद्र में शुभ ग्रह का होना vrish vastu chakra के लिए आवश्यक है.

Vastu Upay : वास्तु शास्त्र के अनुसार एसे होना चाहिए गृहारंभ,जानिए शुभ मुहूर्त…….

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Disclaimer : यहाँ मुहैया सुचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है यह बताना आवश्यक है की Astroall.in  किसी भी तरह की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है, इसके समुचित जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञसे सलाह अवश्य लें |

 

 

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