Vastu Upay : वास्तु शास्त्र के अनुसार एसे होना चाहिए गृहारंभ,जानिए शुभ मुहूर्त…….

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जीवन में सुखी और खुसी रहने के लिए वास्तु के अनुकूल घर का होना अति आवश्यक होता है.वास्तु शास्त्र के अनुकूल जो भी मनुष्य घर बनाते हैं.उनके जीवन में हर ख़ुशी प्राप्त होता है.वो धन हो या पुत्र,अच्छाई हो या बुराई,घर में शांति हो या असान्ति ये सब Vastu Upay पर ही निर्भर है.

जीवन में वास्तु शास्त्र का प्रभाव 

मनुष्य के जीवन काल में वास्तु शास्त्र का बहुत प्रभाव पड़ता है.यदि आपके घर में शांति नहीं है.या आप हमेशा केस-मुकदमें में उलझे रहते है.या फिर आपके बचे बिगड़ रहे हैं.तथा आपके परिवार में कोई न कोई बीमार रहता हो तो ये सब वास्तु दोष के लक्षण हैं.और इसे  Vastu Upay से बचा जा सकता है.

वास्तु शास्त्र के उपाय 

Vastu Upay से आप अपने घर से वास्तु दोष( Vastu dosh) को समाप्त कर सकते हैं.जैसे घर के नीव रखते समय किसी अच्छे आचार्य से सलाह लेना चाहिए.और उनके बताये अनुसार ही समय और उपयोग होने वाले सामान का उपयोग अवस्य करें.जैसे दिशा के अनुरूप घर,पूजा घर,स्नान घर,रसोई घर,गेस्ट के रहने का घर आदि.के स्थान आचार्य के  निर्धारित स्थान पर ही रखें.

वास्तु Upay के अनुरूप हि घर के इर्द-गिर्द फुल का पौधा,घास,शमी का पौधा.गुलाब का पेड़,केला का पेड़,तुलसी का पौधा आदि को रखना चाहिए. तथा गृहरंभ में उपयोग होने वाले वस्तु को रखना चाहिए.जैसे वास्तु पुरुष( Vastu purush) प्रतिमा.काला उड़द,सर्प आदि वस्तुएं.

vastu shastra के अनुरूप गृहारंभ का शुभ मुहूर्त

तो उपरोक्त बातों पर ध्यान रखते हुए ही आप गृहरंभ करें.और स्थान का चयन भी करे. फिर आपको वास्तु शास्त्र के मुताबिक ही गृहरंभ करना चाहिए.और Vastu Upay का ध्यान रखते हुए गृहरंभ में निम्नलिखित बातों का ध्यान भी रखना चाहिए.

Vastu Upay के अनुसार गृहारंभ में नीव की खुदाई कब और कैसे करें ? 

वास्तु शास्त्र  के अनुरूप भूखंड में सूर्य की राशी के अनुसार सर्पाकार राहू का मुख,उदर तथा पूछ परिवर्तित होती रहती है.इसलिए उस दिशा में खुदाई प्रारंभ करनी चाहिए.जहाँ रहू का कोई अंश न हो.

  • सूर्य जब वृष,मिथुन या कर्क ( ज्येष्ठ,अषाढ या श्रावण ) में हो,तो नीव की खुदाई का प्रारंभ दक्षिण-पश्चिम के कोण से प्रारंभ करे.
  • जब सूर्य कन्या या तुला (भद्र.,आश्विनी या कार्तिक) में हो,तो नीव की खुदाई का प्रारंभ आग्णय कोण ( पूर्व-दक्षिण)में करें.
  • Vastu Upay अनुकूल सूर्य वृश्चिक,धनु या मकर (अग्रहण,पौष या माघ)में हो तो नीव की खुदाई का आरम्भ ईशान कोण (उत्तर-पूर्व ) में करें.
  • सूर्य मेष,kumbh या मीन (वैशाख,फाल्गुन या चैत्र ) में हो,तो नीव की खुदाई का प्रारंम्भ वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम ) से करें.
Vastu Upay के अनुसार गृहारंभ कब न करें ?

हिन्दू पंचांग के अनुरूप प्रत्येक सूर्य संक्रांति से 5,7,9,15 21 तथा 24 वें प्रविष्टे को पृथ्वी का शयन माना जाता है.अतः इस समय गृहारंभ पूर्णतः निषेध माना जाता है.

अतः आप सभी मनुष्यों को उपरोक्त बातों को ध्यान में राखना चाहिए ,जिससे की आपके जीवन में हमेशा खुशियाँ ही खुशियाँ बनी रहे. वास्तु से  सम्बंधित और जानकारी के लिए आप जुड़े रहें www.astroall.in पर आचार्य शिवजी शास्त्री,ज्योतिष & तांत्रिक ( रत्न एवं वशीकरण विशेषज्ञ ) के साथ.यदि किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी चाहते हैं तो आप इस website के माध्यम से हम तक पहुँच सलते हैं .

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Disclaimer : यहाँ मुहैया सुचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है यह बताना आवश्यक है की Astroall.in  किसी भी तरह की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है, इसके समुचित जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञसे सलाह अवश्य लें |

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