vastu for home : गृहारंभ से पहले जान लें ये नियम,कभी नहीं होगा गृह क्लेश………..

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vastu शास्त्र के नियमानुसार, गृहारंभ से पूर्व कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए.क्योंकि बिना सोचे-समझे घर बनाने से ही,vastu Dosh लगता है.जो व्यक्ति गृहारंभ के नियम को समझकर.ही घर बनाना चाहिए.

मनुष्य के जीवन में हर अच्छी-बुरी घटनाओं में वास्तु शास्त्र का बड़ा महत्त्व होता है.इसलिए जब कभी भी घर का निर्माण करें अर्थात गृह आरम्भ करें तो vastu for home के अनुरूप कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

vastu for home के अनुसार इन तिथियों को नहीं करें गृहरंभ 

प्रत्येक सूर्य संक्रांति से 5,7,9,15,21 और 24वें प्रविष्टे को पृथ्वी शयन अवस्था में रहती है.अतएव vastu for home के नियम से,सुप्त भूमि के दिवसों में यथा संभव गृह निर्माण,वापी,कुआ आदि के लिए भूमि का खनन नहीं करें.वास्तु शास्त्र की माने तो,सूर्य नक्षत्र से 5,7,9,12,19 और 26वें चन्द्र नक्षत्रों में भी,भूमि का सयन होता है.

vastu for home द्वारा भू रजस्वला 

vastu शास्त्र के अनुसार सूर्य संक्रांति के दिन से,१,५,१०,११,१६,१८ और १९वे दिन भूमि रजस्वला रहती है.जिसके कारण,इस समय भी यज्ञ,हवन गृह निर्माण आदि वर्जित है.

वास्तु शास्त्र द्वारा ग्राह्य मास 

जब भी कभी गृह निर्माण करें तो vastu for home द्वारा वैशाख,ज्येष्ठ,श्रावण और अग्रहण माघ और फाल्गुन श्रेष्ठ माने जाते हैं.भाद्रप्रद और कार्तिक मास मध्यम कहे जाते हैं.

जब सूर्य मेष,वृष,वृश्चिक,तुला राशी में हो तो दक्षिण या उत्तर मुख का और जब सूर्य कर्क,सिंह,मकर kumbh राशी में हो तो पूर्व/पश्चिम मुख का गृह बनाना चाहिए.

वास्तु शास्त्र सम्मत गृह निर्माण के कुछ जानकारियां 

समय सुद्धि का विचार करके vastu for home के मुताबिक, विधिवत पत्थरों,सिलाओं ईटों से पूरित कर देना चाहिए.वृहत संहिता अनुसार पहले से खोदी हुई नीव में पूर्व व् दक्षिण दिशा के मध्य में अर्थात अग्नि कोण में.पूजा करके प्रथम शिला स्थापित करके प्रदक्षिणा के क्रम से अर्थात अग्नि के बाद दक्षिण-पश्चिम के कोने तथा वय्व्यादी उत्तर दिशा में स्थापित करना चाहिए.तथा खंभ को भी इसी रीती से बनवाना अति लाभदायक होता है.

गृहारंभ में योग विचार 

vastu for home के अनुसार अतिगंड,शूल गंड,व्याघात,वज्र,व्यतिपात परिघ तथा वैधृति के योग गृहारंभ के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते हैं. और अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे

वासकर्ता का नाम राशी से 2,5,10,11 स्थानों में ग्राम की राशी हो तो वासकर्ता के लिए वह ग्राम मुहल्ला शुभ माना जाता है.और 1,3,4,7,8 स्थानों में हो तो अशुभ माना जाता है.और एसे घर में vastu dosh लगता है.अतः गृहारंभ से पहले इन बातों को ध्यान अवश्य रखना चाहिए.

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Disclaimer : यहाँ मुहैया सुचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है यह बताना आवश्यक है की Astroall.in  किसी भी तरह की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है, इसके समुचित जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञसे सलाह अवश्य लें |

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