shiv puran : शिवपुराण के अनुसार मनुष्य को मरने से पहले मिलते हैं ये संकेत ,तब समझ लें की मौत निश्चित है ….

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shiv puran के अनुशार  मनुष्य सभी प्राणियों में उत्तम माना गया है.क्योंकि इनमें सोंचने-समझने,कर्तव्य का पालन करने का सामर्थ्य, सभी प्राणियों से,अधिक होता है.ठिक इसी प्रकार मनुष्य जिज्ञाशु भी होता है.उसे किसी भी कार्य करने/होने से पूर्व ही.परिणाम जानने की इच्छा जागृत हो जाती है.

यहाँ तक की वो अपने अंतिम समय अर्थात मौत को भी जानने का प्रयास करते रहते हैं.जो मनुष्य साधना में प्रयासरत्न हैं.जिसे दैवीय शक्ति प्राप्त है.जो त्रिकालग्य हैं,उनके लिए यह बात जानना तो एक आम बात की तरह है.

परन्तु वैसे मनुष्य जो उपरोक्त जानकारी से परे हैं.उनके लिए भी शिव पुराण ( shiv puran ) के अनुशार मनुष्य को मरने से पहले मिलते हैं यह संकेत.तब समझ लेना चाहिए की हमारी मृत्यु का समय निकट आ गया है.

शिव पुराण के अनुशार जब मौत आ जाये करीब तो मिलते हैं यह संकेत : 

मौत अर्थात मृत्यु ही तो परम सत्य है.जिसे प्रत्येक प्राणिमात्र को स्वीकार करना परता है.जिसका जन्म है,उसकी मृत्यु भी सत्य है.लेकिन मनुष्य कैसे समझे की उसकी मृत्यु आ चुकी है.तो शिव महापुराण के अनुशार प्रत्येक मनुष्य के मृत्यु के पूर्व यह संकेत मिलते हैं.

जिससे मनुष्य को कम से कम उस समय से भी काम,क्रोध,लोभ और अहंकार का त्याग करके,महादेव शिव शम्भू के  शरण में चले जाना चाहिए.इन संकेतों का जिक्र shiv puran में भगवान् शिव ने माँ पारवती को बताते हुए किया है.

shiv puran के अनुरूप मौत से पहले मनुष्य को क्या संकेत मिलते है ? 

शिव पुराण के अनुशार मनुष्य के मृत्यु के पहले शारीर का रंग कुछ फीका होने लगता है.या कुछ पिला होने का अनुभव होने लगता है.जब उसको अपना परछाई दिखाई नहीं देने लगे तो भी, समझ लें की ये भी एक मौत का संकेत ही है.

मौत के समय को कैसे पहचानें :-

जब उपरोक्त स्थिति के साथ-साथ मनुष्य को खाने के स्वाद का पता नहीं लगे.अर्थात जीभ जब पूर्ण रूप से काम नहीं करें तो ,ये मौत के संकेत  हैं.और सबसे बड़े दो पहचान यह हैं कि जब सूर्य,चन्द्र,आग इन सभी का प्रकाश पूर्ण रूप से दिखाई नहीं दे.और दूसरा यह की हमेशा यह लगने लगे की हमारे इर्द-गिर्द कोई है जो मुझे छोड़ना नहीं चाहता है.

परन्तु वह दुसरे को दिखाई भी नहीं दे रहा है. तब आप जान लें की इस प्राणी के मौत का अंतिम समय आ गया है.क्योंकि अंतिम समय में सूर्य चन्द्र और अग्नि का प्रकाश साधारणतः उस प्राणी को दिखाई देना बंद हो जाता है.और उसके इर्द-गिर्द रहने वाले यम के दूत  दुसरे को दिखाई नहीं देते हैं.

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