ravivar vrat vidhi : रविवार का व्रत कैसे करें और इसे करने से क्या क्या लाभ होता है ?

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vrat रविवार का व्रत (ravivar-vrat-vidhi ) मनुष्य को अपने जीवन में करना चाहिए.क्योंकि रविवार का व्रत करने से,मनुष्य को शारीरिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.रविवार के व्रत करने से मनुष्य बड़ी-बड़ी बीमारियों से छुटकारा पा जाता है.

ravivar vrat : रविवार व्रत के नियम…….

रविवार का व्रत अग्रहण मास के शुक्ल पक्ष के सुरु करना चाहिए.कम से कम बारह व्रत अवश्य करना चाहिए.वैसे तो आजीवन व्रत करने से अधिक लाभ मिलता है.जो व्यक्ति केवल छः मॉस तक करते हैं तो उन्हें अग्रहण मास के प्रथम पक्ष से सुरु करके वैशाख मास तक करना चाहिए.

ravivar vrat  करके लाल वस्त्र ही धारण करना चाहिए.रविवार का व्रत करके प्रातःकाल सूर्य को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए. और “ॐ सु सूर्याय नमः” मंत्र का जप भी करना चाहिए.या फिर सूर्य के 12 नामों का स्मरण करना अधिक श्रेयकर होता है.

रविवार के व्रत करने वालों को सूर्य महापुराण का पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है.इस दिन व्रती को कभी भी सूर्योदय के बाद तक नहीं सोना चाहिए.

ravivar vrat : रविवार व्रत के फायदे …….

रविवार के व्रत करने से समस्त कामनाओं की सिद्धि मिलती है.जिस किसी भी जातक को नेत्र रोग,चरम रोग,कुष्ठ आदि रोग में भी लाभ होता है.सौभाग्य की वृद्धि होती है.तथा पुत्र प्राप्ति में भी सहायक होता है.रविवार के व्रत करने से मनुष्य के आत्मा को शांति मिलती है.

ravivar vrat vidhi : रविवार व्रत के दिन क्या खाएं  ?

रविवार का व्रत करके फलाहार करना ज्यादा अच्छा होता है.यदि संभव न हो तो केवल  गेहूं की रोटी खाना चाहिए.गेहूं की रोटी के साथ गुड भी खाना चाहिए.या मीठी रोटी भी खा सकते हैं.लेकिन रविवार का व्रत करके कभी भी रात्रि में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.

ravivar vrat : रविवार का व्रत करके क्या नहीं करें ?

रविवार का व्रत करके कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए.इस व्रत को करके कभी भी काले वस्त्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए.रविवार के व्रत करने वाले को कभी भी दिन में नहीं सोना चाहिए.इस व्रत को करके पश्चिम में यात्रा करना कभी भी अच्छा परिणाम नहीं देता है.

जो भी जातक रविवार का व्रत करते है,उन्हें रविवार के दिन ताम्बे के पत्र में जल भरकर उसमें यमुना जल डालकर,फिर उसमे लाल चन्दन और लाल फुल डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से हर इच्छा पूर्ण होती है.

यदि किसी भी जातक का आत्मबल कमजोर हो रहा हो तो एसे व्यक्ति को रविवार का व्रत अवश्य करना चाहिए.यदि कुंडली में सूर्य अच्छा प्रभाव नहीं दे रहें हो अथवा सूर्य नीच का हो तो भी रविवार के व्रत करने से यह समस्या भी समाप्त हो जाता है.

 

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Disclaimer : यहाँ मुहैया सुचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है यह बताना आवश्यक है की Astroall.in  किसी भी तरह की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है, इसके समुचित जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञसे सलाह अवश्य लें |

 

 

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