pitru dosh : आज दर्श अमावस्या को,इस उपाय से पितृदोष से मिलता है मुक्ति. भगवान् शिव होते हैं प्रसन्न ….

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पुरे वर्ष में 12 बार अमावस्या तिथि पड़ता है.परन्तु प्रत्येक अमावस्या का अपना महत्त्व होता है.इसी प्रकार दिनांक 12 दिसंबर 2023 मंगलवार को अमावस्या है.जिसे दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है.इस दिन के नियम का पालन करने से pitru dosh से मुक्ति मिलती है.

दर्श अमावस्या किसे कहते हैं ? 

अग्रहण मास के 15वी तिथि जो अमावस्या होता है.उसे भी दर्श अमावस्या कहते है.वर्ष 2023 में 12 दिसंबर 2023,दिन मंगलवार को दर्श अमावस्या है.जो 12 दिसंबर के प्रातः 06 बजकर 24 मिनट से लेकर, 13 दिसंबर को सायं 05 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.

इस दिन pitru dosh से मुक्ति पाने के लिए लोग pitru dosh upay भी करते हैं.तथा तीर्थ स्नान भी करना चाहिए.

pitru dosh क्या होता है ? 

गरुड़ पुराण के अनुसार पितृगण के कर्मों के परिणामस्वरुप,जो दोष उत्पन्न होते हैं.उसे pitru dosh कहते हैं.पितृदोष के कारण मानव कई तरह के समस्याओं से उलझ जाता है.पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए,कई अलग-अलग उपाय किये जाते है ,जिसे pitru dosh upay कहते हैं.

pitru dosh nivaran से मनुष्य के जीवन में कई तरह के लाभ.जैसे गृह क्लेश,प्रेत बाधा,आदि कई तरह के बाधा से मुक्ति मिल जाता है.

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दर्श अमावस्या ( Darsh Amavsya ) का क्या महत्व है ? 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो लोग  darsh amavsya की पूजा करते हैं. उपवास रखते हैं.उन पर भगवान् शिव की कृपा प्राप्त होती है.दर्श अमावस्या के पूजा करने और उसके नियम का पालन करने से मनुष्य को pitru dosh से भी मुक्ति मिल जाता है.

इसलिए इस pitru dosh upay भी किया जाता है.शास्त्रों में वर्णन है कि इस दिन पूर्वज धरती पर आते हैं.और अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं.इसलिए इस दिन पूर्वजों के लिए प्रार्थना भी की जाती है.

pitru dosh nivaran के लिए यह तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है.जीवन में संघर्ष कर रहे लोगों भी,यदि सफलता नहीं मिल रहा हो.तो सफलता की प्रार्थना करते हुए व्रत एवं पूजा-पाठ करना चाहिए.

दर्श अमावस्या पर किस भगवान की पूजा करनी चाहिए ? 

इस दिन भगवान् शिव और भगवान् विष्णु के पूजा का बड़ा महत्व होता है.darsh amavsya के दिन महादेव के पूजा करने से भगवान भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं.जिससे मनुष्य को और उनके खुद को और उनके पूर्वजों को मोक्ष मिलता है.pitru dosh upay भी दर्श अमावस्या के दिन किया जाता है.

इस दिन सत्यनारायण भगवान का पूजा भी किया जाता है.जिससे मनुष्य को अक्षय पुन्य की प्राप्ति भी होती है.तथा मनुष्य के जीवन में हर भौतिक सुख-सुविधा भी मिलता है.तथा इस दिन महादेव का रुद्राभिषेक भी किया जाता है.

दर्श अमावस्या विशेष उपाय :-

darsh amavsya के दिन दान – पुण्य का विशेष महत्त्व है,इसलिए इस दिन जरूरतमंद और गरीब लोगों को दान-दक्षिणा देना फलदायी माना जाता है.और यह pitru dosh से भी मुक्ति दिलाता है.और इस दिन ब्राम्हणों को भोजन कराने का भी बहुत महत्व है.

दर्श अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए 16 दीपक जलाना का भी विधान है.यह pitru dosh upay भी माना जाता है.एसा माना जाता है कि इस दिन पितृलोक से पितृ घर तक आते हैं.

darsh amavsya के दिन पिंडदान और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.और आशीर्वाद देते हैं.जिसके फलस्वरूप मनुष्य धन-धान्य,पुत्र-पौत्र आदि जैसे हर सुख प्राप्त करते हैं.

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