Vastu tips : वास्तु शास्त्र में वर्णित इस उपाय को करने से घर मे सुख शांति बना रहेगा

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प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है कि, मैं अपने परिवार के सदस्यों के साथ खुशी और सुखी से जीवन व्यतीत कर सकूँ। घर में सुख शांति का माहौल बना रहे। Vastu tips के अनुसार, वास्तु शास्त्र में वर्णित इस अचुक उपाय को करने से घर में सुख शांती बना रहेगा।

घर में सुख शांति के लिए क्या करें?

जो व्यक्ति अपने घर में सुख शांति चाहते हैं, वो vastu tips के अनुसार प्रतिदिन सुबह मुख्य द्वार पर हल्दी, कुमकुम और गोमूत्र मिश्रित गोबर से, स्वस्तिक बनाना चाहिये। और इस स्वास्तिक का पूजन भी करना चाहिए। प्रतिदिन ऐसा करने से माता महालक्ष्मी की कृपा से घर में सुख शांति का माहौल बना रहता है।

साथ ही प्रवेश द्वार के उपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते का तोरण बाँधना शुभकारी होता है। Vastu tips के अनुसार मुख्य द्वार के सामने भोजन कक्ष, रसोईघर या खाने की मेज नहीं होनी चाहिये। साथ ही भूमि पूजन, वास्तु शांति, गृह प्रवेश आदि समान्यतः शनिवार और मंगलवार को नहीं करना चाहिए।

Vastu tips के अनुसार सुख शांति के लिए शयन कक्ष कैसा होना चाहिए ?

गृहस्थियों को शयन – कक्ष में सफेद संगमरमर नहीं लगावाना चाहिए | इसे मंदिर मे लगाना उचित है क्योंकि यह पवित्रता का द्योतक है |

सुख शांति के लिए कार्यालय कैसा होना चाहिए ?

कार्यालय के कामकाज, अध्ययन आदि के लिए बैठने का स्थान छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे मानसिक दबाव रहता है | बीम के नीचे वाले स्थान में भोजन बनाना व करना नहीं चाहिए | इससे आथिर्क हानि हो सकती है | बीम के नीचे सोने से स्वास्थ्य में गड़बड़ होती है तथा नींद ठीक से नहीं आती |

Vastu tips के अनुसार सुख शांति के लिए ब्रह्मस्थान कहा होना चाहिए ? 

जिस घर, इमारत आदि के मध्य भाग ( ब्रह्मास्थान) में कुआँ या गड्ढा रहता है, वहाँ रहने वालों की प्रगति में रुकावट आती है। एवं अनेक प्रकार के दुखो एवं कष्टों का सामना करना परता है। घर का ब्रह्मस्थान परिवार का एक उपयोगी मिलन स्थल है। जो परिवार को एक डोर में बांधे रखता है।

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यदि ब्रह्मस्थान के चारो ओर सीमा रेखाओं के अपेक्षा उसका केंद्रिये भाग निचा हो या केंद्रिये भाग पर कोई वजंदार वस्तु रखी हो, तो इसको बहुत ही अशुभ माना जाता है। इससे आपकी आंतरिक शक्तियों में कमी आ जाती है। तथा इसे संतति नाशक भी बताया जाता है।

ब्रह्मस्थान मे क्या निर्माण करने से क्या लाभ व क्या हानियाँ होती है। ?

बैठक कक्ष – परिवार के सदस्यों में सामंजस्य ।
भोजन कक्ष – गृह स्वामी को समस्या तथा गृह का नाश
सीढियाँ – मानसिक तनाव व धन का नाश
सौचालय – धन तथा स्वास्थ्य की हानि

गृह स्वामी द्वारा ब्रह्मस्थान पर रहने, सोने या दफ्तर तथा दुकान आदि में बैठने से बाकी सभी लोग उसके कहे अनुसार कार्य करते हैं।झाड़ू और पोछा ऐसी जगह पर नहीं रखने चाहिए, कि बार बार नजरों में आये।

भोजन के समय भी यथा संभव न दिखे। घर में सकरात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए, रोज पोछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिलाएं। जिससे सभी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नष्ट हो जाता है।

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